नीट पीजी (2025-26) के लिए पहले चरण की काउंसलिंग के बाद भी 1,026 सीटें खाली रह गईं। जनरल सर्जरी और जनरल मेडिसिन क्लीनिकल विषयों के लिए छात्रों में होड़ मची रहती थी वह सीटें भी खाली रह गईं है । बीते दिनों हाई कोर्ट ने भी निजी मेडिकल कॉलेजों की पीजी काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। कारण यह कि नीट पीजी में लगभग 100 प्रतिशत आरक्षण था, जबकि सामान्य सीटें नहीं थीं। प्रवेश प्रक्रिया लंबी खिंचने से सत्र में देरी होना तय है। हालांकि, एक हजार से ज्यादा सीटें खाली रहने से कम मेरिट वाले छात्रों के लिए यह सुनहरा मौका है। दूसरे राउंड में कटऑफ नीचे जाने से उन्हें मेडिसिन-सर्जरी जैसी प्रमुख ब्रांच मिल सकती हैं।
इंदौर के सैम्स मेडिकल कॉलेज में सर्वाधिक 224 सीटें खाली हैं, जबकि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में 196 सीटों पर प्रवेश नहीं हो सका। भोपाल के एलएन मेडिकल कॉलेज में 158 और पीपुल्स में 102 सीटें रिक्त हैं। उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भी 106 सीटें खाली हैं। अमलतास, आरकेडीएफ और चिरायु मेडिकल कॉलेज में भी 80 से ज्यादा सीटें भरने का इंतजार हैं। एनआरआई कोटे की कुल 154 सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें मेडिसिन, रेडियोलाजी और डर्मेटोलाजी जैसे विषय शामिल हैं। अकेले सैम्स इंदौर में एनआरआई कोटे की 34 सीटें खाली हैं। इसके अलावा ओपन श्रेणी की 30 सीटें (जिनमें मेडिसिन व पीडियाट्रिक्स शामिल हैं) और पीडब्ल्यूडी कोटे की 30 सीटें भी पहली काउंसलिंग में नहीं भर पाईं।
