गीतानुरागियों और स्कूली बच्चों ने एक साथ किया सामूहिक गीता स्वाध्याय और प्रेरणागीत का गायन किया
श्रीमद् गीता भगवान से मित्रता का पाठ पढ़ाती है: स्वामी श्री रामदयाल महाराज
योगेश्वर श्रीकृष्ण के उपदेश पर आधारित पुरुषोत्तम योग श्रीमद्भगवद् गीता का लोकार्पण सम्पन्न
बॉस्केटबॉल कॉम्पलेक्स में गीता जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
इंदौर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर प्रदेश में एक दिसम्बर को गीता जयंती महोत्सव मनाया गया। इंदौर के बॉस्केटबॉल कॉम्पलेक्स में गीता एकादशी पर भव्य रूप में गीता महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न शासकीय/अशासकीय स्कूलों के 4500 से अधिक गीतानुरागियों व बच्चों ने सामूहिक गीता स्वाध्याय और प्रेरणागीत का गायन किया। कार्यक्रम में महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, नगर निगम आयुक्त श्री दिलीप कुमार यादव, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती शांतास्वामी भार्गव, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के स्वामी श्री जगतगुरू रामदयाल महाराज, बाबा साहब डॉ. प्रदीप तराणेकर, स्वामी सुश्री परमानंदा जी, स्वामी श्री ऐश्वर्यानंद जी विशेष रूप से शामिल हुए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के उपदेश पर आधारित पुरुषोत्तम योग श्रीमद्भगवद् गीता पुस्तक का लोकार्पण किया। अपने संबोधन में स्वामी श्री जगतगुरू रामदयाल महाराज ने कहा कि आज प्रदेश में दीवाली जैसा उत्सव है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर आज जगह-जगह गीता जयंती उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सामूहिक गीता स्वाध्याय के साथ प्रेरणा गीत का गायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि गीता गुरु और शिष्य का संवाद है। गीता अनंत समस्याओं का समाधान है। गीता एक ऐसी मास्टर चाबी है, जिससे ताला रूपी सभी समस्याओं का समाधान मिल जाता है। गीता हमें भगवान से मित्रता का पाठ पढ़ाती है। गीता हमें अज्ञान से, पाप से मुक्ति दिलाती है। उन्होंने कहा कि हमंद अर्जून बनना है जो योगेश्वर श्रीकृष्ण से मित्रता करें। महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा ही अर्जुन को गीता रूपी उपदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी समय का मूल्य पहचाने, समय से बड़ा धन दूसरा कोई नहीं है। एक-एक क्षण का सदुपयोग करें। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ उसे माँ कहा गया है। इसलिए हम भारत माता की जय का उद्घोष करते हैं। एक दिन भारत विश्वगुरु बनेगा।
बाबा साहब डॉ. प्रदीप तराणेकर ने गीता के पुरुषोत्तम योग की व्याख्या करते हुए कहा कि गीता ब्रह्मविद्या, योग विद्या और वेद विद्या का समुच्चय है। गीता हमें निराशा से आशा की ओर ले जाती है। गीता अंधकार से प्रकाश की ओर प्रशस्त करती है। गीता में ज्ञान और विज्ञान दोनों समाहित है। जो ऊर्जा सूर्य में हैं और जो शीतलता चन्द्रमा में हैं, वहीं ऊर्जा गीता में भी है। मानव जीवन की सबसे बड़ी औषधि गीता है।
स्वामी सुश्री परमानंदा जी ने कहा कि गीता विश्व वंदनीय है और यह सबकी माता है जो सबका ध्यान रखती है। हम सब गीता की शरण में जाए। स्वामी श्री ऐश्वर्यानंदजी ने कहा कि गीता श्रीकृष्ण की अमृत वाणी है। सबको गीता का पान करना चाहिए। विश्व गीता प्रतिष्ठान उज्जैन की जानकारी श्री मुरलीदास महन्त ने देते हुए कहा कि इस प्रतिष्ठान की स्थापना वर्ष 1997 में आचार्य रमेश कुमार पाण्डे ने उज्जैन में की थी। कार्यक्रम में विश्व गीता प्रतिष्ठान उज्जैन की सुश्री विजया ढमढेरे, श्री ओम नम्र, श्रीमती संगीता विनायका सहित विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक एवं संतगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुनयना शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन गीता जी की आरती के साथ सम्पन्न हुआ।
